Tuesday, 30 September 2014


माता कुष्मांडा 
सूर्य सम दर्पित 
माँ जगदम्बा

भारत जन 
मिल करे आरती 
जगदम्बा की

षष्ठ्म रूप
ब्रज अधिष्ठात्री माँ 
माँ कात्यायनी

विभिन्न रंग 
पांडाल सजावट 
भक्ति के संग

माँ जगदंबा
हिम गिरी नंदनी 
आदि स्वरूपा

पदमासना 
आदि स्वरूपा माता 
स्कन्धा भवानी

Wednesday, 17 September 2014

नवरात्री पर माँ के चरणों में प्रेषित मेरे कुछ हाइकु
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1
श्वेत मुकुट
सिंदूरी सोभामयी
देवी कल्याणी
2
मात भवानी
श्रद्धा ममतामयी
भक्त वत्सला
3
मातु भवानी
दृग ममता पानी
अधर दया
4
मातु भवानी
हे संताप तारिणी
स्नेह दायिनी
5
जगत माता
रक्षा करो जननी
शरण पड़े
6
माता के द्वार
कर कुसुम हार
वंदना गाती
7
धरा स्वामिनी
महिसासुर नाश
जग तारिणी
8
हे जगदम्बे
 कर खड्ग धारिणी
भाल सिंदूर
**********************शान्ति पुरोहित